Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj Quotes

Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj Quotes with Images

Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj Quotes in Hindi

हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।

स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है।

क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।

सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है।

दिल के सच्चे लोग भले ही जीवन में अकेले रह जाते हैं लेकिन ऐसे लोगों का साथ भगवान ज़रूर देते हैं…

दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए।

जिंदगी में हर मौके का फायदा उठाओ, पर किसी की मजबूरी और भरोसे का नही,

जब दर्द और कड़वी बोली दोनों सहन होने लगे, तो समझ लेना जीना आ गया !

जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।

ब्रह्मचर्य की रक्षा करें। ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है, मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।

जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।

बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा। आज तुम बुरा कर रहे हो, तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं।

दिल साफ रखिए, हिसाब कमाई का नही कर्मो का होगा...

प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।

जो गिरने से डरते हैं वो कभी उड़ान नही भर सकते...

पछतावे से अच्छा है, कोशिश करके फैल हो जाना..

बहुत कमियां निकालते हैं, हम दूसरों में अक्सर, आओ एक मुलाकात जरा आईने से भी करलें..

कोई आपसे प्यार क्यों करेगा?

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हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।
स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है।
 क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।
कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।
सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है।
दिल के सच्चे लोग भले ही जीवन में अकेले रह जाते हैं लेकिन ऐसे लोगों का साथ भगवान ज़रूर देते हैं…
दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए।
जिंदगी में हर मौके का फायदा उठाओ, पर किसी की मजबूरी और भरोसे का नही,
जब दर्द और कड़वी बोली दोनों सहन होने लगे, तो समझ लेना जीना आ गया !
जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।
ब्रह्मचर्य की रक्षा करें। ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है, मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।
 जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।
 बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा। आज तुम बुरा कर रहे हो, तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं।
दिल साफ रखिए, हिसाब कमाई का नही कर्मो का होगा...
 प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।
जो गिरने से डरते हैं वो कभी उड़ान नही भर सकते...
पछतावे से अच्छा है, कोशिश करके फैल हो जाना..
बहुत कमियां निकालते हैं, हम दूसरों में अक्सर, आओ एक मुलाकात जरा आईने से भी करलें..
कोई आपसे प्यार क्यों करेगा?