मैं माँ भारती का अमृतपुत्र हूँ, “माता भूमि: पुत्रोहं प्रथिव्या:”।
किसी व्यक्ति की नही व्यक्तित्व की पूजा करो। चित्र की नही चरित्र की पूजा करो। कर्म को अपना धर्म मानो। राष्ट्रधर्म को सबसे ऊपर रखो।
असंभव को संभव बनाने के लिये एक आदमी के पास असीमित क्षमता है।
कपालभाती प्राणायाम करे और 99% रोगों से मुक्ति पाए.
एक आदमी परम सुख प्राप्त कर सकता है, अगर वह काम करते समय अपने दिमाग को शांत, संतुलित और एकाग्र रखता है।
मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान और परम सुख प्राप्त करता है, जब वह प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखता है।
हमारे सुख-दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं।
सदा चेहरे पर प्रसन्नता व मुस्कान रखो। दूसरों को प्रसन्नता दो, तुम्हें प्रसन्नता मिलेगी।
कर्म ही मेरा धर्म है। कर्म ही मेरि पूजा है।
सुख बाहर से नहीं भीतर से आता है।
प्रत्येक जीव की आत्मा में मेरा परमात्मा विराजमान है।
विचारों में शुद्धीकरण ही मात्र एक नैतिकता है।
उर्जा उत्पन्न करके ही एलर्जी को रोका जा सकता है।
नकारात्मक विचार मानसिक बीमारी का कारण हैं।
साधु वस्त्र से नहीं चरित्र से बनता है।
आयुर्वेद, कला और विज्ञान का मेल है।
ऐसी चीजों पर खर्चा करने से बचो जो आपके लिए अनिवार्य नहीं है यह दिखावा है जो आपके जीवन को बर्बाद कर देता है।
सनातन का हो रहा प्रचार देख लो धर्म विरोधियों में मचा हाहाकार देख लो धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासियों की धर्म वापसी करवाने वाले चमत्कारी बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार देख लो