मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान और परम सुख प्राप्त करता है, जब वह प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखता है।
हमारे सुख-दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं।
सदा चेहरे पर प्रसन्नता व मुस्कान रखो। दूसरों को प्रसन्नता दो, तुम्हें प्रसन्नता मिलेगी।
कर्म ही मेरा धर्म है। कर्म ही मेरि पूजा है।
मनुष्य का जन्म हमारे लिए भगवान का सबसे बडा उपहार है।
सुख बाहर से नहीं भीतर से आता है।
प्रत्येक जीव की आत्मा में मेरा परमात्मा विराजमान है।
विचारों में शुद्धीकरण ही मात्र एक नैतिकता है।
उर्जा उत्पन्न करके ही एलर्जी को रोका जा सकता है।
साधु वस्त्र से नहीं चरित्र से बनता है।
आयुर्वेद, कला और विज्ञान का मेल है।
ऐसी चीजों पर खर्चा करने से बचो जो आपके लिए अनिवार्य नहीं है यह दिखावा है जो आपके जीवन को बर्बाद कर देता है।
सनातन का हो रहा प्रचार देख लो धर्म विरोधियों में मचा हाहाकार देख लो धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासियों की धर्म वापसी करवाने वाले चमत्कारी बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार देख लो
हमने मन में ठाना है भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा पर हम सब को एक होना है।
लोगों को यह भ्रम होता है कि उन्होंने अपना गुरु चुना लेकिन गुरु स्वयं अपने अनुभव से अपने शिष्य चुनते हैं।
अभावग्रस्त जीवन जो शिक्षा देता है वह किसी और संस्थान से नहीं पा सकता यह जीवन गरीबी भुखमरी लाचारी आदि का ज्ञान बारीकी से कराता है।
हम एकता की चर्चा करते हैं हम मानववादी हैं हम विश्व बंधुत्व की बात करते हैं समाज का सौहार्द विधर्मी दूसरे देश के प्रति अपनी श्रद्धा रखने वाले बिगाड़ते हैं।
मन में जब तक जिज्ञासा उत्पन्न नहीं होगी उसका समाधान नहीं हो सकता जहां तक विज्ञान की बात है विज्ञान जहां समाप्त होता है वहां से अध्यात्म आरंभ होता है।