बच्चे तुलसी के पेड़ की तरह होते हैं, जिन्हें संस्कारों के गंगा जल से सींचा जाना चाहिये|

बच्चे तुलसी के पेड़ की तरह होते हैं, जिन्हें संस्कारों के गंगा जल से सींचा जाना चाहिये|

Sadhvi Rithambara

भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं, और सच्चाई से बड़ा कोई कर्म नहीं।

भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं, और सच्चाई से बड़ा कोई कर्म नहीं।

संकट की हर घड़ी में बागेश्वर बाबा का सहारा लो।

संकट की हर घड़ी में बागेश्वर बाबा का सहारा लो।

परमात्मा का नाम लेने से मन को शांति मिलती है।

परमात्मा का नाम लेने से मन को शांति मिलती है।

धैर्य और विश्वास से हर समस्या का हल मिलता है।

धैर्य और विश्वास से हर समस्या का हल मिलता है।

भक्ति में शक्ति है और शक्ति में भक्ति।

भक्ति में शक्ति है और शक्ति में भक्ति।

मन में श्रद्धा रखो, सब कुछ संभव है।

मन में श्रद्धा रखो, सब कुछ संभव है।

जहां सत्य होता है, वहां भगवान स्वयं उपस्थित होते हैं।

जहां सत्य होता है, वहां भगवान स्वयं उपस्थित होते हैं।

धर्म में आस्था से ही चमत्कार होता है।

धर्म में आस्था से ही चमत्कार होता है।

बागेश्वर धाम में हर प्रश्न का उत्तर मिलता है।

बागेश्वर धाम में हर प्रश्न का उत्तर मिलता है।

हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहकर आधुनिकता को अपनाना चाहिए।

हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहकर आधुनिकता को अपनाना चाहिए।

माला-मनका छोड़ के अब तो घर-घर अलख जगाओ, कुमकुम चंदन तज, माथे पर रज भारत की लगाओ।

माला-मनका छोड़ के अब तो घर-घर अलख जगाओ, कुमकुम चंदन तज, माथे पर रज भारत की लगाओ।

भक्ति, ज्ञान और कर्म तीनों का समन्वय जीवन को पूर्णता देता है।

भक्ति, ज्ञान और कर्म तीनों का समन्वय जीवन को पूर्णता देता है।

गुरू के हाथों जो मिटने और बनने को तैयार है, वो ही शिष्य होता है।

गुरू के हाथों जो मिटने और बनने को तैयार है, वो ही शिष्य होता है।

भारतीय संस्कृति का पालन ही विश्व को सच्चा मार्ग दिखा सकता है।

भारतीय संस्कृति का पालन ही विश्व को सच्चा मार्ग दिखा सकता है।

ध्यान, योग का जरूरी हिस्सा है जो तन, मन और आत्मा के मध्य सम्बंध बनाता है।

ध्यान, योग का जरूरी हिस्सा है जो तन, मन और आत्मा के मध्य सम्बंध बनाता है।

संस्कारों की शिक्षा से ही समाज में शांति और स्थिरता आती है।

संस्कारों की शिक्षा से ही समाज में शांति और स्थिरता आती है।

साधना सिर्फ आत्म-कल्याण ही नही करती, बल्कि यह साधक को अनुकरणीय भी बनाती हैं।

साधना सिर्फ आत्म-कल्याण ही नही करती, बल्कि यह साधक को अनुकरणीय भी बनाती हैं।

आत्मबल और ईश्वर पर विश्वास हमें हर चुनौती से पार ले जा सकता है।

आत्मबल और ईश्वर पर विश्वास हमें हर चुनौती से पार ले जा सकता है।