सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने से जीवन सार्थक बनता है।

सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने से जीवन सार्थक बनता है।

Sadhvi Rithambara

धर्म कभी विभाजन नहीं करता, वह तो जोड़ने का काम करता है।

धर्म कभी विभाजन नहीं करता, वह तो जोड़ने का काम करता है।

संकल्प से ही परिवर्तन संभव है।

संकल्प से ही परिवर्तन संभव है।

सच्चे भक्त वही हैं जो कर्तव्य को धर्म मानते हैं।

सच्चे भक्त वही हैं जो कर्तव्य को धर्म मानते हैं।

हमारी परंपराएं हमें एकता और प्रेम का पाठ सिखाती हैं।

हमारी परंपराएं हमें एकता और प्रेम का पाठ सिखाती हैं।

शक्ति ही शान्ति की नींव है।

शक्ति ही शान्ति की नींव है।

आत्मनिर्भरता ही स्वाभिमान का आधार है।

आत्मनिर्भरता ही स्वाभिमान का आधार है।

धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।

धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।

स्त्री शक्ति को पहचानो, क्योंकि वह सृजन और संरक्षण दोनों का आधार है।

स्त्री शक्ति को पहचानो, क्योंकि वह सृजन और संरक्षण दोनों का आधार है।

हमें अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर भविष्य को मजबूत बनाना चाहिए।

हमें अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर भविष्य को मजबूत बनाना चाहिए।

राष्ट्र की सेवा ही सच्चा धर्म है।

राष्ट्र की सेवा ही सच्चा धर्म है।

बस इस क्षण में रहो।

बस इस क्षण में रहो।

क्षमा सबसे बड़ा हथियार है, क्योंकि इससे सुसज्जित संत अविचलित रहता है, वह तुरंत क्रोध त्याग सकता है।

क्षमा सबसे बड़ा हथियार है, क्योंकि इससे सुसज्जित संत अविचलित रहता है, वह तुरंत क्रोध त्याग सकता है।

सम्पूर्ण सत्य आवश्यक है। आपको जो कहते हैं, उसके अनुसार जीना चाहिए।

सम्पूर्ण सत्य आवश्यक है। आपको जो कहते हैं, उसके अनुसार जीना चाहिए।

भूतकाल जा चुका है, भविष्य अभी आया नहीं है। वर्तमान में जियो।

भूतकाल जा चुका है, भविष्य अभी आया नहीं है। वर्तमान में जियो।

धन का उपयोग दूसरों की मदद के लिए किया जाना चाहिए।

धन का उपयोग दूसरों की मदद के लिए किया जाना चाहिए।

जितना शांत हो जाओगे, उतना ही तुम सुन पाओगे।

जितना शांत हो जाओगे, उतना ही तुम सुन पाओगे।

यह ज़रूरी नहीं है कि आप अपने गुरु से भौतिक धरातल पर ही मिलें। गुरु कोई बाहरी नहीं है।

यह ज़रूरी नहीं है कि आप अपने गुरु से भौतिक धरातल पर ही मिलें। गुरु कोई बाहरी नहीं है।

किसी को भी अपने दिल से मत निकालो।

किसी को भी अपने दिल से मत निकालो।