कहते हैं लोग अक्सर मुझे कि बावला हूँ तू, उनको क्या पता कि अपने बाबा महाँकाल का लाडला हूँ मैं।
जीता हूं शान से, महाकाल तेरे नाम से!
हम हिन्दूगिरी के बादशाह हैं तलवार हमारी रानी हैं, दादागिरी तो करते ही हैं, बाकी महाकाल की मेहरबानी हैं।
अपनी तो बस इतनी सी कहानी है, बालक है हम उसके, जिसकी दुनिया दिवानी है।
राजनीति नही, दिलो पर राज करने की इच्छा हैं, यही मेरे गुरू बाबा महाकाल की शिक्षा हैं।
तुझे लगता है तू अकेला है, डर मत तू महाकाल का चेला है!
चिंता नहीं हैं काल की, बस कृपा बनी रहे मेरे महाकाल की।
पल पल तरसे हम जिस पल के लिए वो पल भी आया जिंदगी में बस एक पल के लिए।
दिल के सारे गमों का दबाकर मैं आंसुओं को पीती हूँ तुम आओगे कभी वापस इस आस में आज भी जीती हूँ !
ये मोहब्बत कब किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता!
किसी को इतना Ignore मत करो की वह तुम्हारे बिना जीना सिख जाए!
दर्द की भी अपनी एक अदा है, ये तो सहने वाले पर ही फ़िदा है!
इतना दर्द तो मौत भी नहीं देती, जितना तेरी ख़ामोशी दे रही है !
अपनी किस्मत में तो कुछ ऐसे ही सिलसिलें लिखें हैं, सो जाऊँ तो ख़्वाब उनके, जाग जाऊँ तो ख्याल उनके !
तेरी नज़र का जादू है या मेरी उम्र का जोश, जब भी देखता हूँ तुझे, उड़ जाते है मेरे होश !
तेरे गुस्से पर भी प्यार आता है हमे, कोई तो है ज़िन्दगी में जो इतने हक से हमें धमकाता है।
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से, तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से।
तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा, तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा, मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है, मेरी रूह से तेरी रूह तक का रिश्ता है मेरा।