हद से गुजरने को बेकरार होती है ये तेरी आशिक़ी मुझे इतना क्यों बेचैन करती है ! - Aashiqui Shayari

हद से गुजरने को बेकरार होती है ये तेरी आशिक़ी मुझे इतना क्यों बेचैन करती है !

Aashiqui Shayari