जब से तुझसे इश्क हुआ, मैं बदनाम हो गया, तेरे-मेरे प्यार का चर्चा सरेआम हो गया!

जब से तुझसे इश्क हुआ, मैं बदनाम हो गया, तेरे-मेरे प्यार का चर्चा सरेआम हो गया!

Crush Shayari

बदलेंगे नहीं ज़ज़्बात मेरे तारीखों की तरह, ! बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश उम्र भर रहेगी !

बदलेंगे नहीं ज़ज़्बात मेरे तारीखों की तरह, ! बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश उम्र भर रहेगी !

हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह, जिसने जीता उसने भी फेका जिसने हारा उसने भी फेका!

हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह, जिसने जीता उसने भी फेका जिसने हारा उसने भी फेका!

कसम से सब्र की इन्तहा हो चली हैं दर्द-ए-दिल कहना हैं अब मुश्किल और येह आँखें वीरान हो चली हैं!

कसम से सब्र की इन्तहा हो चली हैं दर्द-ए-दिल कहना हैं अब मुश्किल और येह आँखें वीरान हो चली हैं!

सुना होगा दर्द कि एक हद होती है. मिलो हमसे आकर, हम अक्सर उसके पार जाते हैं !

सुना होगा दर्द कि एक हद होती है. मिलो हमसे आकर, हम अक्सर उसके पार जाते हैं !

झूठे रिश्ते  मैंने किसी के साथ बनाए नहीं सच्चे बहुत ढूंढे मगर कहीं पाए नहीं!

झूठे रिश्ते मैंने किसी के साथ बनाए नहीं सच्चे बहुत ढूंढे मगर कहीं पाए नहीं!

हैरान हूँ मैं खुद अपने सब्र का पैमाना देखकर उसने याद नहीं किया और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा!

हैरान हूँ मैं खुद अपने सब्र का पैमाना देखकर उसने याद नहीं किया और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा!

सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूँ, पर इसमे भी तो बस तुझे ही सोच रहा हूँ।

सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूँ, पर इसमे भी तो बस तुझे ही सोच रहा हूँ।

तेरी आवाज़ पर मरते हैं तेरे हर अंदाज़ पर मरते हैं तुझे बताया नहीं कभी लेकिन एक तरफा इश्क़ तुमसे करते हैं..

तेरी आवाज़ पर मरते हैं तेरे हर अंदाज़ पर मरते हैं तुझे बताया नहीं कभी लेकिन एक तरफा इश्क़ तुमसे करते हैं..

दूरियों से ही एहसास होता हैं की, नजदीकिया कितनी खास होती हैं।

दूरियों से ही एहसास होता हैं की, नजदीकिया कितनी खास होती हैं।

कितना भी खराब हो मेरा मूड, तुम्हारा एक मैसेज आ जाये तो सब अच्छा लगता है।

कितना भी खराब हो मेरा मूड, तुम्हारा एक मैसेज आ जाये तो सब अच्छा लगता है।

क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी, कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया..

क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी, कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया..

इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई, फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई।

इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई, फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई।

अब दिल कि महफिल मे ये चर्चा-ए-आम हो गया, उसने नजाकत से झुकाई आखे और मेरा काम तमाम हो गया..

अब दिल कि महफिल मे ये चर्चा-ए-आम हो गया, उसने नजाकत से झुकाई आखे और मेरा काम तमाम हो गया..

चलते चलते मुलाक़ात हो गयी उनसे राहों में, मदहोश हो गए हम जब देखा उनकी निगाहों में।

चलते चलते मुलाक़ात हो गयी उनसे राहों में, मदहोश हो गए हम जब देखा उनकी निगाहों में।

कैसे बयाँ करूं तेरे लिए मेरा दीवानापन, अब तो जर्रे-जर्रे में तुम हीं नजर आते हो..

कैसे बयाँ करूं तेरे लिए मेरा दीवानापन, अब तो जर्रे-जर्रे में तुम हीं नजर आते हो..

आंखों में तुझे बसाया दिल में तेरी यादों को, मुझे दुनिया से क्या लेना देना मै पसंद करता हूँ तेरी बातों को!

आंखों में तुझे बसाया दिल में तेरी यादों को, मुझे दुनिया से क्या लेना देना मै पसंद करता हूँ तेरी बातों को!

यह दिल ही जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम, की मुझे जीने के लिए साँसों की नहीं तेरी ज़रूरत है।

यह दिल ही जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम, की मुझे जीने के लिए साँसों की नहीं तेरी ज़रूरत है।

वो दोस्त मानती है और मुझे उसपे क्रश है वो ना भी मिले में फिर भी इंतेज़ार करता हूँ आखिर एक तरफा इश्क़ किया है इस लिए मोहब्बत का ना इज़हार करता हूँ..

वो दोस्त मानती है और मुझे उसपे क्रश है वो ना भी मिले में फिर भी इंतेज़ार करता हूँ आखिर एक तरफा इश्क़ किया है इस लिए मोहब्बत का ना इज़हार करता हूँ..