वो दोस्त मानती है और मुझे उसपे क्रश है वो ना भी मिले में फिर भी इंतेज़ार करता हूँ आखिर एक तरफा इश्क़ किया है इस लिए मोहब्बत का ना इज़हार करता हूँ.. - Crush Shayari

वो दोस्त मानती है और मुझे उसपे क्रश है वो ना भी मिले में फिर भी इंतेज़ार करता हूँ आखिर एक तरफा इश्क़ किया है इस लिए मोहब्बत का ना इज़हार करता हूँ..

Crush Shayari