चलते चलते मुलाक़ात हो गयी उनसे राहों में, मदहोश हो गए हम जब देखा उनकी निगाहों में।

चलते चलते मुलाक़ात हो गयी उनसे राहों में, मदहोश हो गए हम जब देखा उनकी निगाहों में।

Crush Shayari

हैरान हूँ मैं खुद अपने सब्र का पैमाना देखकर उसने याद नहीं किया और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा!

हैरान हूँ मैं खुद अपने सब्र का पैमाना देखकर उसने याद नहीं किया और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा!

सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूँ, पर इसमे भी तो बस तुझे ही सोच रहा हूँ।

सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूँ, पर इसमे भी तो बस तुझे ही सोच रहा हूँ।

तेरी आवाज़ पर मरते हैं तेरे हर अंदाज़ पर मरते हैं तुझे बताया नहीं कभी लेकिन एक तरफा इश्क़ तुमसे करते हैं..

तेरी आवाज़ पर मरते हैं तेरे हर अंदाज़ पर मरते हैं तुझे बताया नहीं कभी लेकिन एक तरफा इश्क़ तुमसे करते हैं..

दूरियों से ही एहसास होता हैं की, नजदीकिया कितनी खास होती हैं।

दूरियों से ही एहसास होता हैं की, नजदीकिया कितनी खास होती हैं।

जब से तुझसे इश्क हुआ, मैं बदनाम हो गया, तेरे-मेरे प्यार का चर्चा सरेआम हो गया!

जब से तुझसे इश्क हुआ, मैं बदनाम हो गया, तेरे-मेरे प्यार का चर्चा सरेआम हो गया!

कितना भी खराब हो मेरा मूड, तुम्हारा एक मैसेज आ जाये तो सब अच्छा लगता है।

कितना भी खराब हो मेरा मूड, तुम्हारा एक मैसेज आ जाये तो सब अच्छा लगता है।

क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी, कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया..

क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी, कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया..

इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई, फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई।

इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई, फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई।

अब दिल कि महफिल मे ये चर्चा-ए-आम हो गया, उसने नजाकत से झुकाई आखे और मेरा काम तमाम हो गया..

अब दिल कि महफिल मे ये चर्चा-ए-आम हो गया, उसने नजाकत से झुकाई आखे और मेरा काम तमाम हो गया..

कैसे बयाँ करूं तेरे लिए मेरा दीवानापन, अब तो जर्रे-जर्रे में तुम हीं नजर आते हो..

कैसे बयाँ करूं तेरे लिए मेरा दीवानापन, अब तो जर्रे-जर्रे में तुम हीं नजर आते हो..

आंखों में तुझे बसाया दिल में तेरी यादों को, मुझे दुनिया से क्या लेना देना मै पसंद करता हूँ तेरी बातों को!

आंखों में तुझे बसाया दिल में तेरी यादों को, मुझे दुनिया से क्या लेना देना मै पसंद करता हूँ तेरी बातों को!

यह दिल ही जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम, की मुझे जीने के लिए साँसों की नहीं तेरी ज़रूरत है।

यह दिल ही जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम, की मुझे जीने के लिए साँसों की नहीं तेरी ज़रूरत है।

वो दोस्त मानती है और मुझे उसपे क्रश है वो ना भी मिले में फिर भी इंतेज़ार करता हूँ आखिर एक तरफा इश्क़ किया है इस लिए मोहब्बत का ना इज़हार करता हूँ..

वो दोस्त मानती है और मुझे उसपे क्रश है वो ना भी मिले में फिर भी इंतेज़ार करता हूँ आखिर एक तरफा इश्क़ किया है इस लिए मोहब्बत का ना इज़हार करता हूँ..

लफ्जों से क्या मुकाबला नजरों के वार का, असर अक्सर गहरा होता है बेजुबाँ प्यार का।

लफ्जों से क्या मुकाबला नजरों के वार का, असर अक्सर गहरा होता है बेजुबाँ प्यार का।

तुझे भी मुझ पर प्यार आ जायेगा, कभी मेरी आँखों को पढ़ तो सही..

तुझे भी मुझ पर प्यार आ जायेगा, कभी मेरी आँखों को पढ़ तो सही..

बहुत दूर है तुम्हारे घर से मारे घर का किनारा, पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।

बहुत दूर है तुम्हारे घर से मारे घर का किनारा, पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।

मेरा दीवानापन मेरा फरार बन गए हो तुम, जिसे सपने में देखा था वह प्यार बन गए हो तुम..

मेरा दीवानापन मेरा फरार बन गए हो तुम, जिसे सपने में देखा था वह प्यार बन गए हो तुम..

असल मोहब्बत तो वो पहली ही मोहब्बत थी, इसके बाद तो हर शख्स में सिर्फ उसी को ढूंढा है।

असल मोहब्बत तो वो पहली ही मोहब्बत थी, इसके बाद तो हर शख्स में सिर्फ उसी को ढूंढा है।