इज़हार करने से पहले अपना मुह मोड़ते तो शायद इतना दर्द ना होता जितना अब हो रहा है - Dhoka Shayari

इज़हार करने से पहले अपना मुह मोड़ते तो शायद इतना दर्द ना होता जितना अब हो रहा है

Dhoka Shayari