राह यूँ ही नामुक्क्मल, ग़म-ए-इश्क का फ़साना, मुझ को नींद नहीं आयी, सो गया ज़माना।
  - Ishq Shayari

राह यूँ ही नामुक्क्मल, ग़म-ए-इश्क का फ़साना, मुझ को नींद नहीं आयी, सो गया ज़माना।

Ishq Shayari