राह यूँ ही नामुक्क्मल, ग़म-ए-इश्क का फ़साना, मुझ को नींद नहीं आयी, सो गया ज़माना।

राह यूँ ही नामुक्क्मल, ग़म-ए-इश्क का फ़साना, मुझ को नींद नहीं आयी, सो गया ज़माना।

Ishq Shayari

क्या हसीन इत्तेफाक था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे।

क्या हसीन इत्तेफाक था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे।

हर दिन याद कर हाज़िरी लगा देते है , तुम्हारे दिल में पल रहे हमारे इश्क़ की।

हर दिन याद कर हाज़िरी लगा देते है , तुम्हारे दिल में पल रहे हमारे इश्क़ की।

जब होना होता है तब होके रहता है , ये इश्क़ है इस पर किसका ज़ोर चलता है।

जब होना होता है तब होके रहता है , ये इश्क़ है इस पर किसका ज़ोर चलता है।

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से।

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से।

क़र्ज़ चढ़ गया है अब तुम पर मेरे प्यार का , तो सवाल ही नहीं उठता तुम्हारे इंकार का।

क़र्ज़ चढ़ गया है अब तुम पर मेरे प्यार का , तो सवाल ही नहीं उठता तुम्हारे इंकार का।

तकिये के नीचे दबा के रखे हैँ तुम्हारे ख्याल, एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ , ढेरो सवाल और तेरा इंतज़ार।

तकिये के नीचे दबा के रखे हैँ तुम्हारे ख्याल, एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ , ढेरो सवाल और तेरा इंतज़ार।

इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

जूनून-ए-इश्क, नहीं रास आया हमें, जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें।

जूनून-ए-इश्क, नहीं रास आया हमें, जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें।

लगता है इश्क़ अपने  उसूलों पे कायम ही रहेगा , ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।

लगता है इश्क़ अपने उसूलों पे कायम ही रहेगा , ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है।

बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है।

हर वक़्त फ़िराक में रहता है , ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

हर वक़्त फ़िराक में रहता है , ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए, जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है।

चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए, जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है।

इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है , कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है , कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की , मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की , मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।

चलते थे इस जहाँ में कभी... सीना तान के हम, ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।

चलते थे इस जहाँ में कभी... सीना तान के हम, ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।

चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे, जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।

चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे, जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।