देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से। - Ishq Shayari

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से।

Ishq Shayari