कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है, तभी इंसान से जमकर मेहनत सोती है। - Kismat Shayari

कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है, तभी इंसान से जमकर मेहनत सोती है।

Kismat Shayari