किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के, क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो। - Kismat Shayari

किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के, क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो।

Kismat Shayari