कितनी छोटी सी है ये जन्नत मेरी, एक मैं हूँ और एक महोब्बत मेरी!
इश्क मेरा मुकम्मल नही है मगर आज भी तुमसे मोहब्बत बेइंतहा है !
अगर चाहो किसी को पूरी शिद्दत से तो कायनात भी झुकती है सच्ची मोहब्बत के आगे जमाने की कहां चलती है !
मुझे अब जरूरत नही किसी और के इश्क की तुम्हारी यादे मुझे इस कदर सताती है !
तुम साथ हो, तो दुनिया अपनी सी लगती, वरना सीने में साँसें भी, पराई सी लगती हैं।
वो जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को, रोयेगा बहुत खुद को बेवफा कह कर!
ऐ मोहब्बत, तुझे पाने की कोई राह नहीं, तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं...
कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे, मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं!
देख कर मुझको दूर से ही वो मुस्कुराने लगे अब तो वो भी हमसे इश्क फरमाने लगे !
मेरी मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है एक मेरा दिल है और उसमें तुम्हे बसाना है !
ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उस ही मालिक ने मुझे भी तो मोहब्बत दी है!
मोहब्बत वहाँ होती है जहाँ विश्वास होता है शक की बुनियाद से ही मोहब्बत बरबाद होती है!
टूट जाते हम भी पत्थर की तरह अगर तुम्हारी मोहब्बत ने हमे सभाला न होता!
कदमों की दूरी से दिलो के फासले नहीं बढ़ते, दूर होने से एहसास नहीं मरते, कुछ कदमों का फासला ही सहीं हमारे बीच, लेकिन ऐसा कोई पल नहीं जब हम आपको याद नहीं करते।
जब हमने उनसे पूछा सपना क्या होता है, तो उन्होंने कहा बंद आँखों में जो अपना होता है, खुली आँखों में वही सपना होता है।
दिल की हसरत जुबां पे आने लगी तूने देखा और ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी यह इश्क की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी हर सूरत में तेरी सूरत नजर आने लगी!
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की !
झूठ कहते हैं लोग कि, शराब ग़मों को हल्का कर देती है, मैंने अक्सर देखा है लोगों को नशे में रोते हुए!