तुम साथ हो, तो दुनिया अपनी सी लगती, वरना सीने में साँसें भी, पराई सी लगती हैं।
वो जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को, रोयेगा बहुत खुद को बेवफा कह कर!
ऐ मोहब्बत, तुझे पाने की कोई राह नहीं, तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं...
कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे, मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं!
देख कर मुझको दूर से ही वो मुस्कुराने लगे अब तो वो भी हमसे इश्क फरमाने लगे !
एक बार दर्द-ए-दिल ख़तम कर दे ए खुदा, वादा करता हु दुबारा मोहब्बत ना करूँगा.
मेरी मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है एक मेरा दिल है और उसमें तुम्हे बसाना है !
ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उस ही मालिक ने मुझे भी तो मोहब्बत दी है!
मोहब्बत वहाँ होती है जहाँ विश्वास होता है शक की बुनियाद से ही मोहब्बत बरबाद होती है!
कदमों की दूरी से दिलो के फासले नहीं बढ़ते, दूर होने से एहसास नहीं मरते, कुछ कदमों का फासला ही सहीं हमारे बीच, लेकिन ऐसा कोई पल नहीं जब हम आपको याद नहीं करते।
जब हमने उनसे पूछा सपना क्या होता है, तो उन्होंने कहा बंद आँखों में जो अपना होता है, खुली आँखों में वही सपना होता है।
दिल की हसरत जुबां पे आने लगी तूने देखा और ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी यह इश्क की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी हर सूरत में तेरी सूरत नजर आने लगी!
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की !
झूठ कहते हैं लोग कि, शराब ग़मों को हल्का कर देती है, मैंने अक्सर देखा है लोगों को नशे में रोते हुए!
शराब के भी अनेक रंग हैं, कोई पीता है आबाद होकर, तो कोई पीता है बर्बाद होकर
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़' जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए.
लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं, दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं।
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर हैं करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात!