लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं, दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं। - Sharab Shayari

लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं, दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं।

Sharab Shayari