एक बार दर्द-ए-दिल ख़तम कर दे ए खुदा, वादा करता हु दुबारा मोहब्बत ना करूँगा.
मेरी मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है एक मेरा दिल है और उसमें तुम्हे बसाना है !
ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उस ही मालिक ने मुझे भी तो मोहब्बत दी है!
मोहब्बत वहाँ होती है जहाँ विश्वास होता है शक की बुनियाद से ही मोहब्बत बरबाद होती है!
टूट जाते हम भी पत्थर की तरह अगर तुम्हारी मोहब्बत ने हमे सभाला न होता!
कदमों की दूरी से दिलो के फासले नहीं बढ़ते, दूर होने से एहसास नहीं मरते, कुछ कदमों का फासला ही सहीं हमारे बीच, लेकिन ऐसा कोई पल नहीं जब हम आपको याद नहीं करते।
जब हमने उनसे पूछा सपना क्या होता है, तो उन्होंने कहा बंद आँखों में जो अपना होता है, खुली आँखों में वही सपना होता है।
दिल की हसरत जुबां पे आने लगी तूने देखा और ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी यह इश्क की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी हर सूरत में तेरी सूरत नजर आने लगी!
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की !
शराब के भी अनेक रंग हैं, कोई पीता है आबाद होकर, तो कोई पीता है बर्बाद होकर
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़' जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए.
लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं, दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं।
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर हैं करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात!
देखा किये वह मस्त निगाहों से बार-बार, जब तक शराब आई कई दौर चल गये।
मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर, सामने से गुजरे तो, थोड़ा सा लड़खड़ा दिए।
छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोली, कमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो।
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है, खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है, फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ टूटे दिल वालों, यहाँ दर्द-ए-दिल की दवा पिलाई जाती है।
अगर गम मोहब्बत पे हावी न होता खुदा की कसम मैं शराबी ना होता!