शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

Narazgi Shayari

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया, तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया, तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

रिश्ते दूर तक चलते अगर, नाराजगी की उम्र कम हो।

रिश्ते दूर तक चलते अगर, नाराजगी की उम्र कम हो।

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते है !

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते है !

यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं!

यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं!

नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते, छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।

नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते, छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।

इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले वो क्या करे जो तुम से खफा हो नहीं सकते!

इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले वो क्या करे जो तुम से खफा हो नहीं सकते!

किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।

किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता !

काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता !

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो  हमे आजमाते गए।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो हमे आजमाते गए।

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.