सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफ़ाजो में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।

 - Alfaaz Shayari

सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफ़ाजो में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।

Alfaaz Shayari