लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया, ये गम भी था कोई डाकिया जिद्दी सा!

लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया, ये गम भी था कोई डाकिया जिद्दी सा!

Alfaaz Shayari

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है, तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है, तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है।

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है।

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है।

लगता है जिंदगी आज खफा है, चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !

लगता है जिंदगी आज खफा है, चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है।

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है।

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए..

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए..

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना फिर से नई सी लगेगी, जिंदगी ही तो है..

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना फिर से नई सी लगेगी, जिंदगी ही तो है..

दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।

दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।

अब ये न पूछना की मैं अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दुसरो के कुछ अपनी सुनाता हूँ।

अब ये न पूछना की मैं अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दुसरो के कुछ अपनी सुनाता हूँ।

न कद्र, न अदब, न रहम, न मेहरबानी, फिर भी वो कहते हैं, बेशुमार इश्क़ है !

न कद्र, न अदब, न रहम, न मेहरबानी, फिर भी वो कहते हैं, बेशुमार इश्क़ है !

जब अलफ़ाज़ पन्नो पर शोर करने लगे समझ लेना सन्नाटे बढ़ गए हैं!

जब अलफ़ाज़ पन्नो पर शोर करने लगे समझ लेना सन्नाटे बढ़ गए हैं!

कुछ यूँ जमीं से आसमां हो गया बढ़कर दर्द मेरा बेइंतहां हो गया।

कुछ यूँ जमीं से आसमां हो गया बढ़कर दर्द मेरा बेइंतहां हो गया।

रात ख़ामोशी से चुपचाप है, पर तेरी यादों का शोर बेहिसाब है।

रात ख़ामोशी से चुपचाप है, पर तेरी यादों का शोर बेहिसाब है।

सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफ़ाजो में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।

सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफ़ाजो में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।

ना जाने कितनी अनकही बातें साथ ले जायेंगे, लोग झूठ कहते हैं की, खाली हाथ आये थे, खाली हाथ जायेंगे !

ना जाने कितनी अनकही बातें साथ ले जायेंगे, लोग झूठ कहते हैं की, खाली हाथ आये थे, खाली हाथ जायेंगे !

मशरूफ रहने का अंदाज तुम्हे तन्हा ना कर दे गालिब, रिश्ते फुरसत के नहीं तवज्जो के मोहताज होते हैं।

मशरूफ रहने का अंदाज तुम्हे तन्हा ना कर दे गालिब, रिश्ते फुरसत के नहीं तवज्जो के मोहताज होते हैं।

बिछड़ के तुझसे किसी दूसरे पर मरना है, ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है।

बिछड़ के तुझसे किसी दूसरे पर मरना है, ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है।