लगता है जिंदगी आज खफा है, चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !

लगता है जिंदगी आज खफा है, चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !

Gulzar Shayari

दर्द की भी अपनी एक अदा है, वो भी सहने वालों पर फ़िदा है।

दर्द की भी अपनी एक अदा है, वो भी सहने वालों पर फ़िदा है।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे जब हमने भी कर ली तो उनका शौक बदल गया !

बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे जब हमने भी कर ली तो उनका शौक बदल गया !

समेट लो इन नाजुक पलो को ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल उन पलो में हम हो ना हो।

समेट लो इन नाजुक पलो को ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल उन पलो में हम हो ना हो।

नहीं बदल सकते हैं हम, खुद को औरो के हिसाब से, एक लिबास हमें भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब।

नहीं बदल सकते हैं हम, खुद को औरो के हिसाब से, एक लिबास हमें भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब।

ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”, बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी।

ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”, बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी।

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है, तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है, तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है।

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है।

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है।

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है।

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए..

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए..

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना फिर से नई सी लगेगी, जिंदगी ही तो है..

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना फिर से नई सी लगेगी, जिंदगी ही तो है..

दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।

दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।

लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया, ये गम भी था कोई डाकिया जिद्दी सा!

लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया, ये गम भी था कोई डाकिया जिद्दी सा!

अब ये न पूछना की मैं अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दुसरो के कुछ अपनी सुनाता हूँ।

अब ये न पूछना की मैं अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दुसरो के कुछ अपनी सुनाता हूँ।

न कद्र, न अदब, न रहम, न मेहरबानी, फिर भी वो कहते हैं, बेशुमार इश्क़ है !

न कद्र, न अदब, न रहम, न मेहरबानी, फिर भी वो कहते हैं, बेशुमार इश्क़ है !

जब अलफ़ाज़ पन्नो पर शोर करने लगे समझ लेना सन्नाटे बढ़ गए हैं!

जब अलफ़ाज़ पन्नो पर शोर करने लगे समझ लेना सन्नाटे बढ़ गए हैं!