शायर है हम शराबी नहीं, जब तक चाय नहीं पीते, अल्फाज पन्नों पर नहीं बरसते।

शायर है हम शराबी नहीं, जब तक चाय नहीं पीते, अल्फाज पन्नों पर नहीं बरसते।

Alfaaz Shayari

मशरूफ रहने का अंदाज तुम्हे तन्हा ना कर दे गालिब, रिश्ते फुरसत के नहीं तवज्जो के मोहताज होते हैं।

मशरूफ रहने का अंदाज तुम्हे तन्हा ना कर दे गालिब, रिश्ते फुरसत के नहीं तवज्जो के मोहताज होते हैं।

बिछड़ के तुझसे किसी दूसरे पर मरना है, ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है।

बिछड़ के तुझसे किसी दूसरे पर मरना है, ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है।

फकीर मिजाज हूं खुद को औरों से जुदा रखता हूं, लोग जाते हैं मंदिर-मस्ज़िद मै दिल में खुदा रखता हूं।

फकीर मिजाज हूं खुद को औरों से जुदा रखता हूं, लोग जाते हैं मंदिर-मस्ज़िद मै दिल में खुदा रखता हूं।

मेरी शायरी का असर उन पर हो भी तो कैसे हो ? के मैं अहसास लिखता हूँ वो अल्फाज़ पड़ते हैं।

मेरी शायरी का असर उन पर हो भी तो कैसे हो ? के मैं अहसास लिखता हूँ वो अल्फाज़ पड़ते हैं।

शायद अब लौट ना पाऊं कभी खुशियों के बाजार में, गम ने ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया है मुझे !

शायद अब लौट ना पाऊं कभी खुशियों के बाजार में, गम ने ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया है मुझे !

वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हूँ मै, उसे क्या पता ओढ़ के चादर रो रहा हूँ मै.

वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हूँ मै, उसे क्या पता ओढ़ के चादर रो रहा हूँ मै.

दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो, जो अल्फाज से ज्यादा खामोशी को समझें।

दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो, जो अल्फाज से ज्यादा खामोशी को समझें।

फासले रख के क्या हासिल कर लिया तूने रहती तो आज भी तू मेरे दिल में ही है!

फासले रख के क्या हासिल कर लिया तूने रहती तो आज भी तू मेरे दिल में ही है!

मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे!

मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे!

दिल के जज्बातों को अल्फाजों में बयाँ करना पड़ता है, अब वो मोहब्बत नहीं जो जज्बातों को समझ सके।

दिल के जज्बातों को अल्फाजों में बयाँ करना पड़ता है, अब वो मोहब्बत नहीं जो जज्बातों को समझ सके।

मुझे छूकर एक फकीर ने कहा… अजीब “लाश” है, “सांस” भी लेती है…

मुझे छूकर एक फकीर ने कहा… अजीब “लाश” है, “सांस” भी लेती है…

डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की, अब वो कहते हैं कि समझा करो वक़्त नही है।

डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की, अब वो कहते हैं कि समझा करो वक़्त नही है।

बहुत भीड़ है मोहब्बत के इस शहर में, एक बार जो बिछड़ा, वापस नही मिलता।

बहुत भीड़ है मोहब्बत के इस शहर में, एक बार जो बिछड़ा, वापस नही मिलता।

सांस के साथ अकेला चल रहा था, जब सांस गई तो सब साथ चल रहे थे।

सांस के साथ अकेला चल रहा था, जब सांस गई तो सब साथ चल रहे थे।

हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे, अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे.

हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे, अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे.

 मैं तो खुद अपने लिए अजनबी हूँ तू बता  मुझ से जुदा हो कर तुझे कैसा लगा!

मैं तो खुद अपने लिए अजनबी हूँ तू बता मुझ से जुदा हो कर तुझे कैसा लगा!

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्त नाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला!

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्त नाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला!

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है, लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर!

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है, लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर!