मुस्कुराने कि आदत भी कितनी महेगी पड़ी हमे छोड़ गया वो ये सोच कर कि हम जुदाई मे खुश है !

मुस्कुराने कि आदत भी कितनी महेगी पड़ी हमे छोड़ गया वो ये सोच कर कि हम जुदाई मे खुश है !

Judai Shayari

मुझे छोड़ने के लिए इतना बेताब मत होना तुझे मेरे दिल से जुदा होना है तेरी नज़रों से नही !

मुझे छोड़ने के लिए इतना बेताब मत होना तुझे मेरे दिल से जुदा होना है तेरी नज़रों से नही !

थी वस्ल में भी फ़िक्र-ए-जुदाई तमाम शब, वो आए तो भी नींद न आई तमाम शब।

थी वस्ल में भी फ़िक्र-ए-जुदाई तमाम शब, वो आए तो भी नींद न आई तमाम शब।

आपकी आहट दिल को बेकरार करती है नज़र तलाश आपको बार-बार करती है !

आपकी आहट दिल को बेकरार करती है नज़र तलाश आपको बार-बार करती है !

ख़ुश्क ख़ुश्क सी पलकें और सूख जाती हैं मैं तेरी जुदाई में इस तरह भी रोता हूँ !

ख़ुश्क ख़ुश्क सी पलकें और सूख जाती हैं मैं तेरी जुदाई में इस तरह भी रोता हूँ !

यूं तो किसी चीज के मोहताज नही हम बस एक तेरी आदत सी हो गयी है !

यूं तो किसी चीज के मोहताज नही हम बस एक तेरी आदत सी हो गयी है !

जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे रोते है मगर आँखो मे आँसूं नही होते !

जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे रोते है मगर आँखो मे आँसूं नही होते !

अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो तुम ख़्वाब में आकर मुझे परेशान न करो !

अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो तुम ख़्वाब में आकर मुझे परेशान न करो !

मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो !

मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो !

तेरे जाने के बाद सनम सोचता हूँ की कैसे जिऊंगा मैं तुझसे किया है इसी लिए वादा ये जुदाई का ज़हर भी पिऊंगा मैं !

तेरे जाने के बाद सनम सोचता हूँ की कैसे जिऊंगा मैं तुझसे किया है इसी लिए वादा ये जुदाई का ज़हर भी पिऊंगा मैं !

ना मेरी नीयत बुरी थी ना उसमे कोई बुराई थी सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी !

ना मेरी नीयत बुरी थी ना उसमे कोई बुराई थी सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी !

जिस दिन से जुदा वह हमसे हुए इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया है चाँद का मुंह भी उतरा -उतरा तारो ने चमकना छोड़ दिया !

जिस दिन से जुदा वह हमसे हुए इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया है चाँद का मुंह भी उतरा -उतरा तारो ने चमकना छोड़ दिया !

अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की तुम क्या ​समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की !

अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की तुम क्या ​समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की !

जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते है बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते है !

जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते है बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते है !

उसकी जुदाई को लफ़्ज़ों मे कैसे बयान करे वो रहती दिल ​में धडकती दर्द मे ​और बहती अश्क में..

उसकी जुदाई को लफ़्ज़ों मे कैसे बयान करे वो रहती दिल ​में धडकती दर्द मे ​और बहती अश्क में..

ज़माना बन जाए कागज़ का और समंदर हो जाए स्याही का फिर भी कलम लिख नही सकती दर्द तेरी जुदाई का !

ज़माना बन जाए कागज़ का और समंदर हो जाए स्याही का फिर भी कलम लिख नही सकती दर्द तेरी जुदाई का !

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है !

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है !

उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है

उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है

इश्क – मोहब्बत तो सब करते है गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं !

इश्क – मोहब्बत तो सब करते है गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं !