नफरत के बाजार में जिने का अलग ही मजा हैं, लोग रुलाना नहीं छोड़ते और हम हँसना नहीं छोड़ते,

नफरत के बाजार में जिने का अलग ही मजा हैं, लोग रुलाना नहीं छोड़ते और हम हँसना नहीं छोड़ते,

Nafrat Shayari

तेरी नफरत में वो तो दम कहाँ, जो मेरी चाहत को कम करे।

तेरी नफरत में वो तो दम कहाँ, जो मेरी चाहत को कम करे।

नफरत मत करना मुझसे मुझे अच्छा ना लगेगा बस प्यार से कह देना तेरी अब जरुरत नही है !

नफरत मत करना मुझसे मुझे अच्छा ना लगेगा बस प्यार से कह देना तेरी अब जरुरत नही है !

तरक्की के दौर में नफरत लिये फिरते हैं, जब अंहकार टुटता तो दर दर भटकते है।

तरक्की के दौर में नफरत लिये फिरते हैं, जब अंहकार टुटता तो दर दर भटकते है।

अगर हमारी उल्फतों से तंग आ जाओ तो बता देना हमें नफरत तो गवारा है मगर दिखावे की मोहब्बत नही !

अगर हमारी उल्फतों से तंग आ जाओ तो बता देना हमें नफरत तो गवारा है मगर दिखावे की मोहब्बत नही !

कुछ लोग हमारी नफरत के काबिल भी ना होते, और हम उन पर अपनी मोहब्बत जाया कर देते हैं।

कुछ लोग हमारी नफरत के काबिल भी ना होते, और हम उन पर अपनी मोहब्बत जाया कर देते हैं।

है खबर अच्छी के आजा मुँह तेरा मीठा करे नफरतें तेरी हुई है बा खुशी दिल को कबूल !

है खबर अच्छी के आजा मुँह तेरा मीठा करे नफरतें तेरी हुई है बा खुशी दिल को कबूल !

मोहब्बत करो तो हद से ज्यादा, और नफरत करो तो उससे भी ज्यादा।

मोहब्बत करो तो हद से ज्यादा, और नफरत करो तो उससे भी ज्यादा।

इसी लिए तो बच्चो पे नूर सा बरसता है शरारतें करते है साजिशे तो नही करते !

इसी लिए तो बच्चो पे नूर सा बरसता है शरारतें करते है साजिशे तो नही करते !

नहीं हो तुम हिस्सा अब मेरी हसरत के, तुम काबिल हो तो सिर्फ नफरत के।

नहीं हो तुम हिस्सा अब मेरी हसरत के, तुम काबिल हो तो सिर्फ नफरत के।

उन्हे नफरत हुयी सारे जहाँ से अब नयी दुनिया लाये कहाँ से !

उन्हे नफरत हुयी सारे जहाँ से अब नयी दुनिया लाये कहाँ से !

क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में, जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता हैं।

क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में, जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता हैं।

नफरत मत करना हमसे हमें बुरा लगेगा, बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नहीं हैं।

नफरत मत करना हमसे हमें बुरा लगेगा, बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नहीं हैं।

नाराजगी डर नफरत या फिर प्यार कुछ तो जरुर है जो तुम मुझसे दूर दूर रहते हो !

नाराजगी डर नफरत या फिर प्यार कुछ तो जरुर है जो तुम मुझसे दूर दूर रहते हो !

कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा, हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं।

कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा, हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं।

हाथ में खंजर ही नहीं आंखो मे पानी भी चाहिए ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए !

हाथ में खंजर ही नहीं आंखो मे पानी भी चाहिए ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए !

ना मेरा प्यार कम हुआ ना उनकी नफरत, अपना-अपना फर्ज था दोनों अदा कर गये।

ना मेरा प्यार कम हुआ ना उनकी नफरत, अपना-अपना फर्ज था दोनों अदा कर गये।

ये तेरी हल्की सी नफ़रत और थोड़ा सा इश्क़, यह तो बता ये मज़ा-ए-इश्क़ है या सजा़-ए-इश्क़।

ये तेरी हल्की सी नफ़रत और थोड़ा सा इश्क़, यह तो बता ये मज़ा-ए-इश्क़ है या सजा़-ए-इश्क़।

नफरतो को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है !

नफरतो को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है !