नफरत के बाजार में जिने का अलग ही मजा हैं, लोग रुलाना नहीं छोड़ते और हम हँसना नहीं छोड़ते, - Nafrat Shayari

नफरत के बाजार में जिने का अलग ही मजा हैं, लोग रुलाना नहीं छोड़ते और हम हँसना नहीं छोड़ते,

Nafrat Shayari