कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा, हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं। - Nafrat Shayari

कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा, हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं।

Nafrat Shayari