सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का, वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे। - Rahat Indori Shayari

सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का, वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।

Rahat Indori Shayari

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