जा के ये कह दे कोई शोलों से चिंगारी से इश्क़ है फूल इसबार खिलेगी बड़ी तैयारी है मुदात्तो क बाद यु तब्दिल हुआ है मौसम जैसे छुटकारा मिली हो बीमारी से।
मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर, तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।
दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं, सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते हैं, हमें चराग समझ कर भुझा ना पाओगे, हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं।
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए, जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।
कम नहीं हैं मुझे हमदमों से, मेरा याराना है इन गमों से, मैं खुशी को अगर मुंह लगा लूं, मेरे यारों का दिल टूट जाए।
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए, पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।
तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह, तुम्हारे वादे का क्या भरोसा, जो पल की कह दो तो कल बना दो, जो कल की कह दो तो साल कर दो।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे, जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।
राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना, हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।
जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे, मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे, ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं, पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।
उनके चेहरे की चमक उड़ गई, अपनी औलाद की किस्मतें बनाते-बनाते, उसी पिता के नयनों मे आज, कई आकाशो के तारे चमक रहे थे!
किसी का दिल तोड़ना आज तक नही आया मुझे प्यार करना जो अपने माता-पिता से सीखा हैं मैंने।
जिनके अपने माँ बाप से, रिश्ते गहरे होते है, उनके कल और आज दोनों अच्छे होते है !
औलाद को इंसान बनाने की फिक्र में माँ बाप को मरने की भी फुर्सत नहीं मिली।
उस माँ बाप के सामने अकड़ के मत चलो, जिसने तुम्हे हाथ पकड़ कर चलना सिखाया !