घेर लेने को मुझे जब भी बलाएँ आ गईं ढाल बन कर सामने माँ-बाप की दुआएँ आ गईं। - Maa Baap Shayari

घेर लेने को मुझे जब भी बलाएँ आ गईं ढाल बन कर सामने माँ-बाप की दुआएँ आ गईं।

Maa Baap Shayari