वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी, इंतज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे। - Intezaar Shayari

वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी, इंतज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे।

Intezaar Shayari

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