वो क़रीब बहुत है, मगर दूरियों के साथ हम दोनों जी तो रहे हैं। मगर मजबूरियों के साथ !

 - Dooriyan Shayari

वो क़रीब बहुत है, मगर दूरियों के साथ हम दोनों जी तो रहे हैं। मगर मजबूरियों के साथ !

Dooriyan Shayari