रात दिन आवारगी होने लगी तुम मिले तो शायरी होने लगी

रात दिन आवारगी होने लगी तुम मिले तो शायरी होने लगी

Aawargi Shayari

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..

दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…

दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…

कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..

कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा

आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी पी लो और दहशत-ए-गुनाह गई

आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी पी लो और दहशत-ए-गुनाह गई

ख्वाइश बस इतनी सी है कि, तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो, आरज़ू ये नही की लोग, वाह वाह करें..

ख्वाइश बस इतनी सी है कि, तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो, आरज़ू ये नही की लोग, वाह वाह करें..

बात कम दिमाग गरम रखते है हम अपने दिल को नरम रखते है।

बात कम दिमाग गरम रखते है हम अपने दिल को नरम रखते है।

हम दिल के बाज़ीगर है दिल के सौदे करते है, आवारगी भी बस अपने शौक के लिए करते है।

हम दिल के बाज़ीगर है दिल के सौदे करते है, आवारगी भी बस अपने शौक के लिए करते है।

हमें ज़माना  सारा कभी भूल नहीं पायेगा आवारगी हमारी तरह कोई नहीं कर पायेगा।

हमें ज़माना सारा कभी भूल नहीं पायेगा आवारगी हमारी तरह कोई नहीं कर पायेगा।

 फालतू शोर से ख़ामोशी अच्छी है, झूठी शराफत से आवारगी अच्छी है।

फालतू शोर से ख़ामोशी अच्छी है, झूठी शराफत से आवारगी अच्छी है।

आवारगी की जिंदगी तो जिंदगी भर चलती रही, कहीं पर भी मगर इश्क का बसेरा नहीं निकला।

आवारगी की जिंदगी तो जिंदगी भर चलती रही, कहीं पर भी मगर इश्क का बसेरा नहीं निकला।

हम दिल के  बाज़ीगर है, दिल के सौदे करते है आवारगी भी  बस, अपने शौक के लिए करते है ।

हम दिल के बाज़ीगर है, दिल के सौदे करते है आवारगी भी बस, अपने शौक के लिए करते है ।

शहर की भीड़ से, गांव की तन्हाई प्यारी है ज़िन्दगी हमने अपनी आवारगी में गुज़री है।

शहर की भीड़ से, गांव की तन्हाई प्यारी है ज़िन्दगी हमने अपनी आवारगी में गुज़री है।

 ये मोहब्बत तो मर्ज़ ही बुढ़ापे का है दोस्तो, जवानी में हमें फुर्सत ही कहाँ आवारगी से।।

ये मोहब्बत तो मर्ज़ ही बुढ़ापे का है दोस्तो, जवानी में हमें फुर्सत ही कहाँ आवारगी से।।

दिल है हमारा प्यार का मारा नहीं है शौक है हमें घूमने का , हम आवारा नहीं है.।

दिल है हमारा प्यार का मारा नहीं है शौक है हमें घूमने का , हम आवारा नहीं है.।

उम्र प्यार की है तो प्यार करेंगे लोग आवारा बोल कर हमें यूँही बदनाम करेगे.।

उम्र प्यार की है तो प्यार करेंगे लोग आवारा बोल कर हमें यूँही बदनाम करेगे.।

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नहीं।

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नहीं।