डूब चुका जब नील गगन की झील में तेरा हर वादा चमक रहा था मेरे दिल में फिर भी तेरे ग़म का चाँद! - Chand Shayari

डूब चुका जब नील गगन की झील में तेरा हर वादा चमक रहा था मेरे दिल में फिर भी तेरे ग़म का चाँद!

Chand Shayari