काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए। - Chand Shayari

काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।

Chand Shayari