तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा, अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा, दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा. - Dard Shayari

तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा, अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा, दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा.

Dard Shayari

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