कमी है बहुत मुजमे, ये हम जानते है, किसी और की नहीं बस अपने दिल की मानते है,

 - Izhaar shayari

कमी है बहुत मुजमे, ये हम जानते है, किसी और की नहीं बस अपने दिल की मानते है,

Izhaar shayari