खुशनसीब होते हैं बादल, जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते हैं, और एक बदनसीब हम हैं जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं. - Duniya Shayari

खुशनसीब होते हैं बादल, जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते हैं, और एक बदनसीब हम हैं जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं.

Duniya Shayari