समाज के सांचे मे ढ़ल नहीं पा रहा हूँ, दुनिया भाग रही है, मै चल नहीं पा रहा हूँ। - Duniya Shayari

समाज के सांचे मे ढ़ल नहीं पा रहा हूँ, दुनिया भाग रही है, मै चल नहीं पा रहा हूँ।

Duniya Shayari