तलब मौत की क्यूं करना गुनाह ए कबीरा है मरने का #शोंक है तो इश्क़ क्यों नहीं करते - Sufi Shayari

तलब मौत की क्यूं करना गुनाह ए कबीरा है मरने का #शोंक है तो इश्क़ क्यों नहीं करते

Sufi Shayari