जाम हाथ में हो और होंठ सूखे हुये, मुआफ करना यारो इतने सूफी हम नहीं हुये। - Sufi Shayari

जाम हाथ में हो और होंठ सूखे हुये, मुआफ करना यारो इतने सूफी हम नहीं हुये।

Sufi Shayari