किसी के दर्द में वो भी अपने ग़मों की झलक पाता है बूढ़ा लाचार इंसान अक्सर अकेला ही रह जाता है - Akelapan Shayari

किसी के दर्द में वो भी अपने ग़मों की झलक पाता है बूढ़ा लाचार इंसान अक्सर अकेला ही रह जाता है

Akelapan Shayari