हालात सिखाते है बाते सूनना और सहना वरना हर शक्स फितरत से बादशाह ही होता है !

हालात सिखाते है बाते सूनना और सहना वरना हर शक्स फितरत से बादशाह ही होता है !

Akelapan Shayari

 वो अकेला चाँद है आसमा मे जो तेरी तरह हजारो मे मगर वो चाँद अकेला है मेरी तरह उन सितारो मे

वो अकेला चाँद है आसमा मे जो तेरी तरह हजारो मे मगर वो चाँद अकेला है मेरी तरह उन सितारो मे

किसी ने पूछा अगर कोई अपना छोड़कर चला जाए तो क्या करोगे अपना कभी छोड़कर नहीं जाता और जो जाए वह अपना नहीं होता !

किसी ने पूछा अगर कोई अपना छोड़कर चला जाए तो क्या करोगे अपना कभी छोड़कर नहीं जाता और जो जाए वह अपना नहीं होता !

 कौन कहता है जनाब ये अकेलापन खलता है जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है

कौन कहता है जनाब ये अकेलापन खलता है जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है

जो इंसान हमेशा सच का साथ देता है वह हमेशा अकेला ही होता है !!

जो इंसान हमेशा सच का साथ देता है वह हमेशा अकेला ही होता है !!

कैसे मान लिया तुम अकेले हो दूर हूँ तुमसे यह मजबूरी है मेरी पुकारो अगर शिद्दत से मुझको चला आऊँगा मैं राह में तेरी

कैसे मान लिया तुम अकेले हो दूर हूँ तुमसे यह मजबूरी है मेरी पुकारो अगर शिद्दत से मुझको चला आऊँगा मैं राह में तेरी

भरोसा रखना मेरी वफाओं पर दिल में बसा कर हम किसी को भूलते नहीं

भरोसा रखना मेरी वफाओं पर दिल में बसा कर हम किसी को भूलते नहीं

रिश्तों के बाजार में आजकल वो लोग हमेशा अकेले पाए जाते हैं जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं !

रिश्तों के बाजार में आजकल वो लोग हमेशा अकेले पाए जाते हैं जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं !

किसी के दर्द में वो भी अपने ग़मों की झलक पाता है बूढ़ा लाचार इंसान अक्सर अकेला ही रह जाता है

किसी के दर्द में वो भी अपने ग़मों की झलक पाता है बूढ़ा लाचार इंसान अक्सर अकेला ही रह जाता है

जनाब जिसको हम जितनी ज्यादा अहमियत देते है ना एक समय ऐसा भी आता है जब वही इंसान आपको अकेला छोड़ कर चला जाता है

जनाब जिसको हम जितनी ज्यादा अहमियत देते है ना एक समय ऐसा भी आता है जब वही इंसान आपको अकेला छोड़ कर चला जाता है

भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया

भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया

अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा !

अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा !

ये अकेलापन सभी को काटता है पर न कोई इसको बाँटता है अगर जो कोई चाहे इसको बाँटना बुरा भला कह कर सब कोई डाँटता है

ये अकेलापन सभी को काटता है पर न कोई इसको बाँटता है अगर जो कोई चाहे इसको बाँटना बुरा भला कह कर सब कोई डाँटता है

कभी-कभी बहुत सी बातें करनी होती है मगर कोई सुनने वाला नहीं होता !

कभी-कभी बहुत सी बातें करनी होती है मगर कोई सुनने वाला नहीं होता !

अब मुझे रास आ गया है अकेलापन अब आप अपने वक्त का अचार डालिए !

अब मुझे रास आ गया है अकेलापन अब आप अपने वक्त का अचार डालिए !

इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं !

इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं !

सुन क्यूं तू मुझे हर मोड़ पर मिल जाती है थोड़ी दूर साथ चल कर फिर तू अकेला छोड़ जाती है

सुन क्यूं तू मुझे हर मोड़ पर मिल जाती है थोड़ी दूर साथ चल कर फिर तू अकेला छोड़ जाती है

मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं की ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी जिन्दा हैं !!

मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं की ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी जिन्दा हैं !!

कभी सोचा नहीं था वो भी मुझे तनहा कर जाएगी जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी मैं हूँ ना !!

कभी सोचा नहीं था वो भी मुझे तनहा कर जाएगी जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी मैं हूँ ना !!