अकेला हूँ और तन्हा भी पर गलत नही हूँ मैं बस तुम पर अपना एकाधिकार समझ बैठा हूँ मैं!
 - Akelapan Shayari

अकेला हूँ और तन्हा भी पर गलत नही हूँ मैं बस तुम पर अपना एकाधिकार समझ बैठा हूँ मैं!

Akelapan Shayari