माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही ! - Kadar Shayari

माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही !

Kadar Shayari