वो मेरी न थी, इस बात की मुझे खबर न थी, मैं पूरा उसका था, इस बात की उसे kadar न थी.

वो मेरी न थी, इस बात की मुझे खबर न थी, मैं पूरा उसका था, इस बात की उसे kadar न थी.

Kadar Shayari

की थी muhabat हमने कोई सौदा नहीं किया था उसने नहीं की kadar क्योंकि उसने तो पैसा देखकर हमसे प्रेम किया था |

की थी muhabat हमने कोई सौदा नहीं किया था उसने नहीं की kadar क्योंकि उसने तो पैसा देखकर हमसे प्रेम किया था |

 प्यार का असर उस रिश्ते में ख़त्म हो जाता है जहाँ एक दूसरे की कद्र करना कम हो जाता है !

प्यार का असर उस रिश्ते में ख़त्म हो जाता है जहाँ एक दूसरे की कद्र करना कम हो जाता है !

नफरत करनी हैं तो इस kadar करना कि हम दुनिया से चले जाएं पर तेरी आंख में आंसू आए

नफरत करनी हैं तो इस kadar करना कि हम दुनिया से चले जाएं पर तेरी आंख में आंसू आए

माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही !

माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही !

तब उसकी kadar समझ आती है, पूछता ही कौन है पिजड़े के पंछियों को याद तो उड़ जाने के बाद आती है।

तब उसकी kadar समझ आती है, पूछता ही कौन है पिजड़े के पंछियों को याद तो उड़ जाने के बाद आती है।

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है !

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है !

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है दुनिया उनकी कदर करती है !!

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है दुनिया उनकी कदर करती है !!

सच्चा प्यार वही है जो एक दूसरे को खोने से डरते हो ।

सच्चा प्यार वही है जो एक दूसरे को खोने से डरते हो ।

वक़्त निकल जाने के बाद कदर की जाए तो वो कदर नही अफ़सोस कहलाता है !

वक़्त निकल जाने के बाद कदर की जाए तो वो कदर नही अफ़सोस कहलाता है !

जो मुफ्त में मिलता है उसकी कदर कौन करता है !

जो मुफ्त में मिलता है उसकी कदर कौन करता है !

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है, दुनिया वाले उन्हीं की kadar करते है.

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है, दुनिया वाले उन्हीं की kadar करते है.

हाथ पैर सब ठीक होने पर भी वो इंसान कुछ नहीं कर सकता जिसने समय की हमेशा बेकद्री की है !

हाथ पैर सब ठीक होने पर भी वो इंसान कुछ नहीं कर सकता जिसने समय की हमेशा बेकद्री की है !

ना कर झूठी तारीफ़ अपने शहर की इस क़दर के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और भटकूँ दर बदर !

ना कर झूठी तारीफ़ अपने शहर की इस क़दर के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और भटकूँ दर बदर !

काँच जैसा बनने के बाद पता चलता है कि, उसको टूटना भी उसी की तरह पड़ता है।

काँच जैसा बनने के बाद पता चलता है कि, उसको टूटना भी उसी की तरह पड़ता है।

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है, नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है, नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है

हमसे एक भूल क्या हुई छोटी सी उसने बड़ी बेसब्री से क़द्र को कब्र में डाल दिया!

हमसे एक भूल क्या हुई छोटी सी उसने बड़ी बेसब्री से क़द्र को कब्र में डाल दिया!

इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं किस kadar चोट खाए हुए हैं, मारा था बाप ने कल उसके, आज भाई आये हुए हैं।

इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं किस kadar चोट खाए हुए हैं, मारा था बाप ने कल उसके, आज भाई आये हुए हैं।

इश्क़ में किसी की याद इस कदर ना सतायें आशिक बेइंतहा प्यार करके बर्बाद हो जायें !!

इश्क़ में किसी की याद इस कदर ना सतायें आशिक बेइंतहा प्यार करके बर्बाद हो जायें !!