सच की राह पर तू चलने को हर वक्त तैयार है अपनी मंजिल का तू ही मुसाफिर और नसीब को बदलने के लिए तैयार है ! - Naseeb Shayari

सच की राह पर तू चलने को हर वक्त तैयार है अपनी मंजिल का तू ही मुसाफिर और नसीब को बदलने के लिए तैयार है !

Naseeb Shayari