क्या हैं तुझमें ऐसा, तुझको ना भूल पांऊ, दिल्लगी की सजा हैं, बस यही सोचता हूं। - Dillagi Shayari

क्या हैं तुझमें ऐसा, तुझको ना भूल पांऊ, दिल्लगी की सजा हैं, बस यही सोचता हूं।

Dillagi Shayari