ये दिल्लगी ना जाने क्यों सताती है, हम तो इश्क करते हैं, ना जाने वो क्यूं तड़पाती है।

ये दिल्लगी ना जाने क्यों सताती है, हम तो इश्क करते हैं, ना जाने वो क्यूं तड़पाती है।

Dillagi Shayari

रूहों की रूहानियत में दिलों की दिल्लगी में, कहाँ इतना मज़ा है जनाब जो आँखों की गुस्ताखियों में।

रूहों की रूहानियत में दिलों की दिल्लगी में, कहाँ इतना मज़ा है जनाब जो आँखों की गुस्ताखियों में।

दिल्लगी कर जिंदगी से ए दिल लगा के चल जिंदगी है थोड़ी हमेशा मुस्कुराते चल !

दिल्लगी कर जिंदगी से ए दिल लगा के चल जिंदगी है थोड़ी हमेशा मुस्कुराते चल !

बरसो बाद पता चला मुझे मेरी कहानी में, प्यार नही सिर्फ दिल्लगी थी।

बरसो बाद पता चला मुझे मेरी कहानी में, प्यार नही सिर्फ दिल्लगी थी।

यदि आप बदले में कुछ की उम्मीद करते हैं तो इसे प्यार नहीं व्यापार और दिल्लगी कहा जाता है।

यदि आप बदले में कुछ की उम्मीद करते हैं तो इसे प्यार नहीं व्यापार और दिल्लगी कहा जाता है।

इश्क हो गर तभी हाथ बढाना, दिल्लगी तो बहुत कर के चले गये।

इश्क हो गर तभी हाथ बढाना, दिल्लगी तो बहुत कर के चले गये।

कुछ पाबंदी भी लाज़मी है दिल्लगी के लिए किसी से इश्क़ अगर हो तो बेपनाह न हो !

कुछ पाबंदी भी लाज़मी है दिल्लगी के लिए किसी से इश्क़ अगर हो तो बेपनाह न हो !

 दिल्लगी करते है लोग, फिर भी दिल जलाते हैं, जब पराया ही करना होता हैं, तो अपना क्यों बनाते हैं।

दिल्लगी करते है लोग, फिर भी दिल जलाते हैं, जब पराया ही करना होता हैं, तो अपना क्यों बनाते हैं।

हम ने जाना था लिखेगा तू कोई हर्फ़ ऐ ‘मीर’ पर तेरा नामा तो इक शौक़ का दफ़्तर निकला !

हम ने जाना था लिखेगा तू कोई हर्फ़ ऐ ‘मीर’ पर तेरा नामा तो इक शौक़ का दफ़्तर निकला !

क्या हैं तुझमें ऐसा, तुझको ना भूल पांऊ, दिल्लगी की सजा हैं, बस यही सोचता हूं।

क्या हैं तुझमें ऐसा, तुझको ना भूल पांऊ, दिल्लगी की सजा हैं, बस यही सोचता हूं।

मेरी गहरी ख़ामोशी मैं सन्नाटा भी है शोर भी है तूने ठीक से देखा ही नहीं इन आँखों मैं कुछ और भी है।

मेरी गहरी ख़ामोशी मैं सन्नाटा भी है शोर भी है तूने ठीक से देखा ही नहीं इन आँखों मैं कुछ और भी है।

प्यार कब हुआ कैसे हुआ, कुछ पता नहीं बस इतना  जानते हैं तुमसे हुआ, तुमसे है और तुमसे ही रहेगा।

प्यार कब हुआ कैसे हुआ, कुछ पता नहीं बस इतना जानते हैं तुमसे हुआ, तुमसे है और तुमसे ही रहेगा।

शायरी खुद ख़ुशी का धंदा है अपनी बन्दूक अपनी ही खंधा है आईना बेचता फिरता  शेयरर उसे सहर मैं जो सहर ही अँधा है।

शायरी खुद ख़ुशी का धंदा है अपनी बन्दूक अपनी ही खंधा है आईना बेचता फिरता शेयरर उसे सहर मैं जो सहर ही अँधा है।

कोई चांद सितारा है तो कोई फूल से प्यारा है जो दूर रहकर भी हमारा है वो नाम सिर्फ तुम्हारा है!

कोई चांद सितारा है तो कोई फूल से प्यारा है जो दूर रहकर भी हमारा है वो नाम सिर्फ तुम्हारा है!

आपको पाकर अब खोना नहीं चाहते इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते यह आलम है आपके मिलने का आँखों में नींद है मगर सोना नहीं चाहते।

आपको पाकर अब खोना नहीं चाहते इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते यह आलम है आपके मिलने का आँखों में नींद है मगर सोना नहीं चाहते।

मुश्किल आसान सी लगने लगती है, जब तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में होता है।

मुश्किल आसान सी लगने लगती है, जब तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में होता है।

मेरे होठो पे तुम्हारा ही नाम है दिल के इस झरोखे में तुम्हारा ही काम है दुनिया बदहवास हो चुकी है तुझे ढूंढने में मेरे दिल के कोने में तेरा ही मकान है.

मेरे होठो पे तुम्हारा ही नाम है दिल के इस झरोखे में तुम्हारा ही काम है दुनिया बदहवास हो चुकी है तुझे ढूंढने में मेरे दिल के कोने में तेरा ही मकान है.

मुझे नही पता इश्क क्या है, बस तुम दिख जाते हो सुकून मिल जाता है!

मुझे नही पता इश्क क्या है, बस तुम दिख जाते हो सुकून मिल जाता है!

तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा लगता है कि दिल करता है दिन भर तुम्हें ही तंग करते रहें।

तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा लगता है कि दिल करता है दिन भर तुम्हें ही तंग करते रहें।