उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है - Safar Shayari

उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है

Safar Shayari